उज्जैन से व्यापारियों का सोना लेकर हुआ फरार अली बंगाली

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उज्जैन से व्यापारियों का सोना लेकर हुआ फरार अली बंगाली

उज्जैन/ शहर में स्वर्ण आभूषण के व्यवसाय में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बंगालियों ने अपने पेर जमा कर व्यापारियों के साथ-साथ ग्राहकों का भी विश्वास जीत लिया। इनके द्वारा तैयार किए गए आभूषणों की डिजाइन आकर्षक होने से व्यापार में व्यापारियों को मुनाफा तगड़ा मिलता है जिससे व्यापारी इन से जुड़कर सुनारों से दरकिनार होते जा रहे जिसका फायदा इन बंगालियों के द्वारा उठाकर व्यापारियों को लाखों रुपए की चपत लगाई जा रही है। शहर से अब तक करीब एक दर्जन से अधिक बंगाली लाखों करोड़ों का सोना लेकर नौ दो ग्यारह हो चुके हैं जिनका आज तक कोई अता पता नहीं लग पाया। ऐसी ही घटना आज फिर देखने को मिली है जिसमें उज्जैन शहर के आधा दर्जन व्यापारियों के साथ-साथ अगर और महिदपुर के व्यापारी शिकार हुए हैं। व्यापारी अभी खामोश है जिससे यह आकलन नहीं लगाया जा सकता की वास्तव में फरार होने वाला बंगाली इन व्यापारी का कितना सोना लेकर फरार हुआ है वैसे बाजार की चर्चाओं पर ध्यान दिया जाए तो करीब 5 करोड़ की राशि सोना लेकर फरार होने की आज दिनभर पटनी बाजार क्षेत्र में चर्चा गरम थी। इस प्रतिनिधि के द्वारा मौके पर पहुंचकर कुछ व्यापारी जो की इस घटना का शिकार हुए से चर्चा करने की कोशिश की गई तो उनका कहना था कि वे अभी कुछ नहीं बोलेंगे एक-दो दिन फरार हुए बंगाली का इंतजार करेंगे उसके बाद मामले को पुलिस को सौप जाएगा।
उज्जैन के प्रसिद्ध सोना चांदी बाजार में स्वर्ण आभूषण का व्यापार करने वाले व्यापारियों की दो संगठन सक्रिय है। पटनी बाजार सोना चांदी व्यापारी एशोशियन, लखेरवाड़ी व्यापारी एसोसिएशन और करीब 250 छोटे- बड़े व्यापारी दोनों संगठन के सदस्य है। जिनकी व्यापारिक समस्याओं का समाधान करने की जिम्मेदारी इन संगठन के कर्ताधर्ताओं की है लेकिन देखने में यह आ रहा है कि दोनों ही व्यापारिक संगठन केवल सेल पार्टी तक सीमित है व्यापारियों के साथ बाजार में कब कौन सी घटना कैसे घट रही है इससे उन्हें कोई सारोकार नहीं है। जबकि इस बाजार में बंगालियों का बढ़ता हुआ कारोबार व्यापारियों के लिए डूबने का कारण बना हुआ है। व्यापारियों को दो तरह से सीधे-सीधे मार पड़ती है। एक तो उनका माल लेकर कौन बंगाली कब फरार हो जाएगा इसकी कोई जवाब दे ही नहीं है दूसरी ओर बंगालियों के द्वारा अब सीधे ग्राहकों से भी व्यापार किया जा रहा है स्वर्ण आभूषण का व्यापार करने वाले व्यापारी अपने आप को थका हुआ महसूस करते हैं। इन मुद्दों को लेकर कई बार व्यापारी संगठनों के समक्ष सदस्यों ने अपनी आवाज बुलंद की लेकिन संगठन के कर्ताधर्ता किसी न किसी तरीके से व्यापारी की बात को हवा में उड़ा देते हैं।

इस मामले में जब व्यापारियों से चर्चा की तो उनका कहना था कि इसाक बंगाली वह व्यक्ति है जो बांग्लादेशियों को उज्जैन लाकर बसाने के साथ-साथ स्वर्ण आभूषण के व्यापार में उतारने में अपनी अहम भूमिका निभाता है। वैसे इसके बारे में बताते हैं कि यह खोकन बंगाली नामक आभूषण निर्माता का रिश्तेदार है।
उज्जैन के सोना चांदी बाजार में करीब 100 से अधिक बंगाली कारीगरी का काम कर रहे हैं जो की नई-नई डिज़ाइन देकर व्यापारियों का विश्वास जीत रहे हैं और फिर इसी विश्वास का फायदा उठाते हुए उनके लाखों करोड़ों का माल लेकर नो दो ग्यारह हो जाते हैं।
पटनी बाजार और लखेरवाड़ी में स्वर्ण आभूषण के बक्सो से अन्य व्यापारियों को माल बेचने के लिए देने वाले व्यापारियों को लाखों रुपए का चूना लगाकर फरार हुआ है अली नामक बंगाली। बताते हैं कि अली के द्वारा छिलाई और पॉलिश का काम किया जाता है। उसकी दुकान पर बंगाल के ही कई कारीगर काम कर रहे हैं पिछले दिनों दुकान बंद कर कर सभी लोग फरार हो चुके हैं जैसे ही दुकान की सतरे नहीं खुली व्यापारियों के होश उड़ गए।
अली नामक बंगाली उज्जैन शहर के व्यापारियों को तो लाखों रुपए के सोने की चपत लगा ही चुका है इसी सूची में महिदपुर के एक व्यापारी के अलावा आगर जिले के एक स्वर्ण व्यापारी के नाम की चर्चा भी दिन भर बाजार में गर्म रही। वैसे स्वर्ण आभूषण के बक्सा किंगो के साथ चैन बनवाकर बेचने वाले व्यापारी और टंच निकलने वाले व्यापारी का माल भी बंगाली अपने साथ लेकर उड़ा है।कुल मिलाकर 2 से 5 करोड रुपए के स्वर्ण को अली नामक बंगाली लेकर गया है ।